Post Category: Disease Pages

अपने चश्मे का ख़्याल कैसे रखें ? [Eye Problem In Hindi]

जी मनी के ज़रिये आप भर सकते हैं अपने हॉस्पिटल का बिल, 12 किश्तों में, बिना किसी ब्याज के|

कई लोग हैं जो सालों से चश्मा पहनते आ रहे हैं लेकिन उन्हें उसके रखरखाव के बारे में सही जानकारी नहीं है। इस ब्लॉग में डॉक्टर अशोक हंसारिया दे रहे हैं हमारे सारे सवालों के जवाब।

Doctor

Dr. Ashok Hansaria

Hospital / ClinicShivam Netralaya, East Delhi
Watch Full Interview on YoutubeLink to Full Interview
Duration : Approx 8 minutes
Listen to Interview on PodcastLink for podcast
Read the full transcript of Health Show in English, Hindi, Marathi, Bengali, Tamil, Telugu, Kannada, Malayalam, Punjabi

GMoney Anchor - मैं नेहा बजाज आप सभी का बहुत बहुत स्वागत करती हूँ और आज के वीडियो में हमारे साथ जुड़ रहे हैं डॉक्टर अशोक, जो की एक सर्जन हैं, पिछले 25 सालों का अनुभव रखते हैं जो आज हमारे साथ शेयर करने वाले हैं और उसी के साथ साथ डाइरेक्टर है शिवम् नेत्रालय के जो की ईस्ट दिल्ली में है। सो डॉक्टर अशोक जी मनी हेल्थ शो में मैं नेहा बजाज आपका बहुत बहुत स्वागत करती हूँ ।

Dr. Ashok Hansaria – गुड मॉर्निंग, नेहा।

eye problem solution

GMoney Anchor- वी आर वेरी ग्लैड टु हैव यू एस ए गेस्ट हियर अच्छा? क्योंकि आज आप हमारे शो में जुड़े हैं। हम एकदम बेसिक्स पर चर्चा करेंगे। सबसे पहले तो आप हमें ये बताइए की बहुत सारे लोग जिन्हें चश्मा लगा है ऑलरेडी उन्हें अधिकतर काफी सारी जानकारी पूरी नहीं है और सबसे पहले आप हमे ये बताएं चश्मे का रखरखाव कैसे करना चाहिए?

Dr. Ashok Hansaria – इसका रखरखाव बहुत आसान है। आजकल साधारण सा हम ग्लास यूज़ नहीं करते हैं जैसे कांच कहते हैं हम प्लास्टिक यूज़ करते है, प्लास्टिक हल्का होता हैं, टूटता नहीं है, धूप में गर्म नहीं होता है। उसमें दो बूंद पानी डालिए जो कपड़ा चश्मे के साथ दिया हुआ है उससे साफ कर लीजिए।

GMoney Anchor - आपके पास जो पेशेंट्स आते हैं, अमूमन कौन सी गलतियां लोग करते हैं।

Dr. Ashok Hansaria कोई भी पैरेंट अपने बच्चों को चश्मा पहनाना नहीं चाहता है।

सच पूछो तो डॉक्टर भी नहीं चाहता है की बच्चों को चश्मा पहनना पड़े। क्योंकि अगर वो बच्चा गलती से चश्मा नहीं पहनता है तो उसके रेटिना पर असर होता है।जिससे की उसके रेटिना का डेवलपमेंट पूरा नहीं हो पाता है, बच्चों की आँखों की रौशनी जो कि 10 साल तक बनती है वह पूरी नहीं बन पाती है। जिस कंडिशन को हम एम्ब्लियोपिया या लेज़ी आई बोलते है।

eye problem

GMoney Anchor - अच्छा ओके, सर अगेन ये जो मेरा सवाल है ये बहुत सारे माँ बाप का भी यही सवाल है। पेरेंट्स कहते हैं कि मैं नहीं चाहता या चाहती कि मेरे बच्चे को इतनी कम उम्र में चश्मा लगे तो क्या विकल्प है इसका?

Dr. Ashok Hansariaअगर आपके बच्चों को चश्मे की जरूरत है। और उसकी उम्र 10 साल से कम है तो उसको चश्मा पहना देना ही उचित है। दूसरी बात यह है चश्मा पहनना ही नहीं है। हर समय पहनें केवल सोते समय और नहाते समय उतारना है जिससे की उसकी आँखों की रेटिना को पर्याप्त  इंस्टॉलेशन मिले और उसकी आँखों की रौशनी जितनी बननी चाहिए उतनी बन सके। केवल सोते समय और नहाते समय ही वो चश्मा उतारेगा।

GMoney Anchor - अच्छा सर, बच्चों को चश्मा पहनते समय क्या क्या प्रीकॉशन्स फॉलो करने चाहिए?

Dr. Ashok Hansariaबच्चों को हर समय चश्मा पहनना है अगर चश्मे का नंबर बहुत कम है। उसे चश्मे के बिना दिखाई दे रहा है तो खेलते समय वो उतार सकता है।कंप्यूटर में काम करते समय, लैपटॉप पे या मोबाइल में या पढ़ते लिखते समय दूर और नजदीक दोनों के काम में उसे चश्मा पहनना ही है। तो हर समय चश्मा पहनना है और चश्मा साधारण फूल प्रेम का हो, प्लास्टिक हो, स्किल रिएक्शन नहीं होता है वो केयर कर लेना चाहिए।

GMoney Anchor - ओके सो देखिये चश्मे से जुड़ी हुई भी कई सारी चीज़ें हैं जो हमें डॉक्टर अशोक यहाँ पर बता रहे हैं। अच्छा सर, आज कल सारे बच्चे मोबाइल, टीवी या फ़ोन पर ही लगे रहते हैं और ये जो ऑनलाइन लर्निंग है उसमें कही ना कही हमारे बच्चों को बांध दिया है उस स्क्रीन से। तो ऐसे में आप क्या कहना चाहते हैं? उस समय में भी बच्चे चश्मा पहनते हैं या फिर जो नहीं भी पहनते हैं क्या ज्यादा स्क्रीन टाइम से भी चश्मा लगने का खतरा रहता है?

Dr. Ashok Hansariaहमने ये देखा है कि हमारी मजबूरी थी या बच्चों की मजबूरी थी। फिजिकल टीचिंग नहीं थी। ऑनलाइन या तो लैपटॉप से पढ़ो, कंप्यूटर से पढ़ो या मोबाइल से पढ़ो समस्या हमें मोबाइल से अधिक है। लैपटॉप से कम है इसकी मुख्य वजह मोबाइल की स्क्रीन छोटी होती है। मोबाइल आँखों के ज्यादा पास होता है। जब बच्चा उसमें पढ़ता है तो मोबाइल की बैटरी धीरे धीरे डाउन होती रहती है, मोबाइल की बैटरी जितनी डाउन होती जाती है, उसका

रेडिएशन उतना बढ़ता जाता है इसलिए हम बच्चों को बोलते हैं की मोबाइल पे मत पढ़ाई करो। आपके पैरेंट लैपटॉप या डेस्कटॉप अफोर्ड नहीं कर सकते हैं। मोबाइल को दूर रखोगे, तो सही होगा।

GMoney Anchor - अच्छा सर अगेन एक बड़ा इंट्रेस्टिंग सवाल है, क्या खाने-पीने से भी हमारी आँखों की रौशनी पर असर होता है?

Dr. Ashok Hansariaखाने पीने से डाइरेक्टली आँखों की रौशनी पर फर्क शायद कम पड़ता है पर ग्रोथ पर पड़ता है और आँखें भी हमारी ग्रोथ से रिलेटेड हैं। जैसे हम बोलते हैं हरी सब्जी, दूध, काले चने, बादाम, गाजर, पपीता, फल, फ्रूट खाना चाहिए। जंक फूड मत खाओ, चिप्स, कुरकुरे, चाऊमीन मत खाओ, क्योंकि जंक फूड में आर्टिफिशियल फ्लेवर होता है। हम ये कहते हैं की जंग फूड को अवॉइड करें। और दूध और गाजर दोनों टाइम पी लो और गाजर, हरी सब्जी, काले चने खाओ।

GMoney Anchor - तो देखिये जंक फूड वो कहते है ना कि शेर के मुँह में खून लग जाता है तो समझ लीजिए बड़ी अच्छे डॉक्टर साहब ने बात बोली एक बार आप खायेंगे तो वाकई में चस्का लग जाता है जो अच्छा नहीं रहता हमारी सेहत के लिए ऐंड डॉक्टर अशोक बहुत अच्छा लगा। बहुत मज़ा आया आपने इतनी अच्छी अच्छी हमें बातें बताई। हम थैंक यू कहना चाहते हैं आपको जी मनी हेल्थ शो की पूरी टीम की तरफ से आपने अपने बीज़ी स्केड्यूल से कीमती वक्त निकाला, थैंक यू सो मच। आई होप आपको आज का वीडियो बहुत पसंद आया होगा। अपना फीडबैक जरूर शेयर करियेगा। किसी और विषय पर भी अगर आप चर्चा देखना चाहते हैं वो भी हमे बताएं इसी के साथ मैं नेहा बजाज अब आपसे लेती हूँ इजाजत ,मिलेंगे एक नए वीडियो में, न्यू सुपर स्पेशलिस्ट के साथ। अच्छी सेहत हमारा वादा

eye problem in hindi

क्या आप जानते हैं जी मनी के ज़रिये आप अपने हॉस्पिटल का बिल भर सकते हैं, 12 किश्तों में, बिना किसी ब्याज के? और अधिक जानकारी के लिए अपने हॉस्पिटल से संपर्क करें।

 क्या आपका हॉस्पिटल No Cost EMI की सुविधा देता है? आज ही अपने अस्पताल/क्लीनिक से संपर्क करें ?

 

यदि आप चिंतित हैं कि अपनी मेडिकल सर्जरी का खर्च कैसे उठाएंगे, तो जी मनी (GMoney) लाया है No Cost EMI और Advance Against Mediclaim जैसी सेवाएं। अपने हॉस्पिटल का बिल भर सकते हैं, 12 किश्तों में, बिना किसी ब्याज के| 

 

जी मनी के नेटवर्क से जुड़े हैं देशभर के 10,000 से भी ज़्यादा अस्पताल और क्लिनिक। जी मनी की सेवाओं के तहत आप हृदय रोग, मोतियाबिंद, कॉस्मेटिक सर्जरी, बैरिएट्रिक सर्जरी, किडनी स्टोन, स्त्री रोग, शिशु रोग, जोड़ों के रोग आदि बीमारियों का उपचार आसान किश्तों के ज़रिये करवा सकते हैं। अब आप निश्चिन्त हो जाइये क्योंकि जी मनी आपके चिकित्सा बिलों का भुगतान करने में करेगा पूरी सहायता। 

 

आज ही जी मनी हेल्थ कार्ड के लिए आवेदन करें और पाएं हमारी सेवाओं का लाभ। No Cost EMI और Advance Against Mediclaim का विकल्प प्रदान करके, जी मनी (GMoney) बनाता है चिकित्सा सेवाएं सुलभ और आसान।

 

और अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें – 022 4936 1515 (Mon-Sat, 10AM to 7PM) 

https://www.gmoney.in/ 

Watch 400+ interviews of Specialized Doctors on PCOD, Diabetes, Cosmetic treatments, Dental care, Lasik surgery, Piles, IVF, Smile makeover and much more.. please visit https://www.youtube.com/@GMoney_HealthShow 

Do not forget to subscribe to our Channel

 

Disclaimer: THIS WEBSITE DOES NOT PROVIDE MEDICAL ADVICE.

 

The information, graphics, images, and other materials contained on this website are for informational purposes only. No material on this site is intended to be a substitute for medical advice, diagnosis, or treatment.

We suggest you to always seek advice from your physician or other qualified healthcare provider with any questions you may have regarding a medical condition.

Never disregard professional medical advice because of something you have read on this website.

Please note : The content in this blog is extracted from the video and translated using Google Translate.