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क्या फ़ोन देखते वक़्त आता है आंख से पानी ?

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मोबाइल फ़ोन का घंटों तक इस्तेमाल आपकी आंखों के लिए नुकसानदेह हो सकता है।  अधिकतर लोग बिना पलक झपकाए, कई देर तक फोन देखते रहते हैं, इससे अचानक आंख से पानी आना भी शुरू हो सकता है। आजकल बच्चों में भी यह समस्या आम हो चुकी है। आइये इस बारे में और अधिक जानकारी लेते हैं हमारी मेडिकल एक्सपर्ट डॉक्टर मेहा से।

Doctor

Dr. Meha Dedhia

Hospital / Clinic

Ashtavinayaka Eye Care Center, Mumbai

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Duration : 7.50 minutes

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GMoney Anchor - शो देखने से पहले करना है एक काम। हमारे यूट्यूब पेज को लाइक, शेयर, सब्सक्राइब ज़रूर कीजिए। आज मेरे साथ हैं डॉक्टर मेहा डेढ़िया जो की नेत्र रोग विशेषज्ञ हैं और इन को 7 साल का एक्सपिरियंस है। अभी अष्टविनायक सेंटर, मुंबई की डायरेक्टर हैं। सो हैलो डॉक्टर, वेलकम।

Dr. Meha Dedhia – हैलो। 

reason for watery eyes

GMoney Anchor - डॉक्टर सबसे पहले मैं आपसे पूछना चाहती हूँ वॉटरी आइस यानी आंखों से पानी आने की समस्या क्या है? इसके कारण क्या-क्या होते हैं?

Dr. Meha Dedhia – वॉटरी आइस में आंख में पानी प्रोड्यूस होता है। बेसिकली आंख से पानी आता है। 

तो इसके मुख्य दो कारण हो सकते हैं। या तो आंख ही ज़्यादा पानी प्रोड्यूस कर रही है। यदि कहीं ब्लॉकेज हो तो भी पानी ज़्यादा प्रोड्यूस होगा क्योंकि उस पानी को आंख सोख नहीं पाएगी।

GMoney Anchor - क्या जिन लोगों की आंखों की नज़र कमजोर होती है उनकी वॉटरी आइस हो जाती है?

Dr. Meha Dedhia – इसको हम एज ग्रुप्स में डिवाइड कर सकते हैं, जैसे छोटे बच्चों में भी एक पाया जाता है। 1 साल से कम उम्र के बच्चों में भी होता है। अगर नली बचपन से ही डेवलप नहीं हुई तो उनको वॉटरी आइस हो सकता है। जब हम ज़्यादा स्क्रीन यूज़ करते है, लैपटॉप, मोबाइल्स वगैरह तो आंखें ड्राई होने लगती हैं।

 

बढ़ती उम्र के साथ आंखों के नीचे की स्किन ढीली होने लगती है, उसकी वजह से भी पानी बाहर आने लगता है। तो ऐसे बहुत सारे कारण हैं। आंख में इन्फेक्शन जिसे  कन्जंक्टिवाइटिस बोलते है, उसकी वजह से भी दिक्कत हो सकती है। कभी सर्दी खांसी हुई तब भी वॉटरी आइस हो सकती है। 

 

तो ड्राइनेस बहुत बड़ा रीज़न है वॉटरी आइस होने का। ड्राइनेस में जो आपकी बाहर की आंख की लहर है ना वो सूखने लगती है और आंख पानी प्रोड्यूस करने लगती है। सो बहुत टाइम तक अगर हम कॉन्टैक्ट लेन्स यूज़ करते है तो भी वॉटरी आइस होने के आसार होते हैं।

GMoney Anchor - ओके, जो लोग सूरज की किरणों के संपर्क में आते हैं क्या उन्हें भी वॉटरी आइस की समस्या हो सकती है?

Dr. Meha Dedhia – हाँ, इसलिए जब भी आप बाहर जाते हैं धूप के चश्मे लगाएं।

GMoney Anchor - इसके लक्षण क्या-क्या होते हैं?

Dr. Meha Dedhia- चुभन महसूस होना। आंखें थकी थकी लगती हैं, कभी कभी आंखें लाल भी हो सकती हैं।

GMoney Anchor - इसका कोर्स ऑफ ट्रीटमेंट क्या होता है ?

Dr. Meha Dedhia – आपको अच्छे से चेक अप कराना है, ताकि हम आंख से पानी आने का कारण ढूंढ सकें। जैसे मैंने बोला अगर ब्लॉकेज है या कुछ और वजह है तो उसको ठीक करना ज़रूरी है। आजकल सब लोग स्क्रीन्स का बहुत यूज़ करते है। ध्यान रहे, हम एक या दो घंटे से ज़्यादा स्क्रीन यूज़ न करें। स्क्रीन की ब्राइटनेस या इल्यूमिनेशन मीडियम रखना चाहिए और आसपास की लाइट ब्राइट होनी चाहिए।

 

कई बार हम रात में लाइट बंद करके मोबाइल देखते हैं और फिर सो जाते हैं तो वो हमें नहीं करना है। जब भी हम स्क्रीन का इस्तेमाल कर रहे हैं तो आसपास की लाइट ब्राइट होनी चाहिए और स्क्रीन का इल्यूमिनेशन कम रहना चाहिए और पलकें झपकाते रहें। जब भी हम स्क्रीन को बहुत ज़्यादा गौर से से देखते हैं, आंखों को थोड़ी थोड़ी देर में बंद करते रहना चाहिए।  तो उससे ये ड्राइनेस और वॉटरी आइस भी कम होते हैं।

GMoney Anchor - मेरा आखिरी सवाल आपसे यह है की अगर आप कोई टिप या सलाह हम सब को देना चाहें ताकि हम अपनी आंखों का बेहतर ख्याल रख सकें। तो वह टिप आप क्या देंगी।

Dr. Meha Dedhia – समय-समय पर आंखों का चेकअप करवाएं, स्क्रीन टाइम जितना हो सके कम कर दें। जितना आप कम स्क्रीन देखेंगे, उतना ही बेहतर होगा। हो सके तो बड़ी स्क्रीन में देखें, मोबाइल स्क्रीन से बेहतर है लैपटॉप और लैपटॉप स्क्रीन से बेहतर है टीवी की स्क्रीन। हेल्थी खाना खाएं।

GMoney Anchor - थैंक यू वेरी मच। आपने अपने बिज़ी शेड्यूल से जी मनी हेल्थ शो के लिए थोड़ा सा वक्त निकाला। हमारी पूरी टीम आपको थैंक यू कहना चाहती है। थैंक यू। हेल्थ शो वो ज़रिया है जो आप लोगों को सीधा डॉक्टर्स के साथ कनेक्ट करता है। अगर आपके मन में कोई सवाल है, आप मुझे कमेंट सेक्शन में लिख सकते हैं। मैं आउंगी नए शो में एक नए सुपर स्पेशलिस्ट डॉक्टर के साथ, तब तक अपना ख्याल रखिये, क्योंकि अच्छी सेहत हमारा वादा।

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