क्या कैंसर का मुख्य कारण धूम्रपान है?

कार्सिनोजेनिक रसायन: तम्बाकू के धुएँ में 70 से ज़्यादा ज्ञात कार्सिनोजेन्स होते हैं, जिनमें बेंजीन, फॉर्मेल्डिहाइड और विनाइल क्लोराइड शामिल हैं, जो सीधे डीएनए को नुकसान पहुँचाते हैं और उत्परिवर्तन पैदा करते हैं जिससे कैंसर हो सकता है।

फेफड़ों का कैंसर: धूम्रपान फेफड़ों के कैंसर का प्रमुख कारण है, जो लगभग 85% मामलों के लिए ज़िम्मेदार है। तम्बाकू के धुएँ में मौजूद कार्सिनोजेन्स सीधे फेफड़ों के ऊतकों को नुकसान पहुँचाते हैं, जिससे ट्यूमर का विकास होता है।

अन्य कैंसर: धूम्रपान से कई अन्य प्रकार के कैंसर का खतरा बढ़ जाता है, जिसमें मुँह, गले, ग्रासनली, अग्न्याशय, मूत्राशय, गुर्दे, यकृत, पेट, गर्भाशय ग्रीवा और बृहदान्त्र के कैंसर शामिल हैं।

दूसरे हाथ का धुआँ: दूसरे हाथ के धुएँ के संपर्क में आने से धूम्रपान न करने वालों में भी कैंसर का खतरा बढ़ जाता है, खासकर फेफड़ों के कैंसर का, क्योंकि वे धूम्रपान करने वालों की तरह ही कई कार्सिनोजेन्स को साँस के ज़रिए अंदर लेते हैं।

प्रतिरक्षा प्रणाली दमन: धूम्रपान प्रतिरक्षा प्रणाली को कमजोर करता है, जिससे यह कैंसर कोशिकाओं को उनके शुरुआती चरणों में पता लगाने और नष्ट करने में कम प्रभावी हो जाता है।

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