सूखी आंखें: LASIK सर्जरी के बाद कई रोगियों को सूखी आंखें महसूस होती हैं। यह अस्थायी हो सकता है या, कुछ मामलों में, लंबे समय तक बना रह सकता है। आई ड्रॉप और अन्य उपचार इस स्थिति को प्रबंधित करने में मदद कर सकते हैं।
चकाचौंध, प्रभामंडल और स्टारबर्स्ट: कुछ रोगियों को रोशनी के आसपास चकाचौंध, प्रभामंडल या स्टारबर्स्ट दिखाई दे सकते हैं, खासकर रात में। यह आमतौर पर अस्थायी होता है लेकिन कुछ मामलों में बना रह सकता है।
कम या ज्यादा सुधार: सर्जरी से दृष्टि वांछित स्तर तक ठीक नहीं हो सकती है, जिससे कम सुधार या अधिक सुधार हो सकता है। अतिरिक्त सर्जरी या चश्मा/कॉन्टैक्ट पहनने की आवश्यकता हो सकती है।
फ्लैप जटिलताएँ: LASIK के दौरान, कॉर्निया पर एक फ्लैप बनाया जाता है। फ्लैप डिस्लोकेशन, संक्रमण या सूजन जैसी समस्याएँ हो सकती हैं, हालाँकि वे दुर्लभ हैं।
प्रतिगमन: समय के साथ, कुछ रोगियों को प्रतिगमन का अनुभव हो सकता है, जहाँ उनकी दृष्टि धीरे-धीरे सर्जरी से पहले की स्थिति में लौट आती है। इसके लिए आगे के उपचार या सर्जरी की आवश्यकता हो सकती है।
दृष्टि संबंधी विकार: कुछ लोगों को सर्जरी के बाद दोहरी दृष्टि, धुंधली दृष्टि या रात में देखने में कठिनाई का अनुभव होता है। ये समस्याएं आमतौर पर समय के साथ ठीक हो जाती हैं।
दृष्टिवैषम्य: अनियमित उपचार दृष्टिवैषम्य का कारण बन सकता है, जिसके लिए अतिरिक्त सुधारात्मक सर्जरी या सुधारात्मक लेंस के उपयोग की आवश्यकता हो सकती है।
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