कारण: दूषित भोजन या पेय पदार्थ खाने से फ़ूड पॉइज़निंग होती है। दूषित पदार्थों में बैक्टीरिया (जैसे साल्मोनेला, ई. कोली और लिस्टेरिया), वायरस (जैसे नोरोवायरस), परजीवी (जैसे जियार्डिया) और सूक्ष्मजीवों द्वारा उत्पादित विषाक्त पदार्थ शामिल हैं।
लक्षण: फ़ूड पॉइज़निंग के सामान्य लक्षणों में मतली, उल्टी, दस्त, पेट में दर्द और ऐंठन शामिल हैं। कुछ मामलों में बुखार, सिरदर्द और मांसपेशियों में दर्द भी हो सकता है।
शुरुआत का समय: दूषित भोजन खाने के कुछ घंटों से लेकर कुछ दिनों के भीतर लक्षण दिखाई दे सकते हैं, जो कारण पर निर्भर करता है। बैक्टीरियल विषाक्त पदार्थ कुछ घंटों के भीतर लक्षण पैदा कर सकते हैं, जबकि बैक्टीरियल संक्रमण प्रकट होने में अधिक समय ले सकते हैं।
अवधि: फ़ूड पॉइज़निंग की अवधि अलग-अलग होती है लेकिन आम तौर पर कुछ घंटों से लेकर कई दिनों तक रहती है। गंभीर मामलों में चिकित्सा ध्यान देने की आवश्यकता हो सकती है और ठीक होने में अधिक समय लग सकता है।
जोखिम कारक: फ़ूड पॉइज़निंग के जोखिम को बढ़ाने वाले कारकों में अनुचित खाद्य हैंडलिंग, अपर्याप्त खाना पकाना, क्रॉस-संदूषण और कच्चे या अधपके खाद्य पदार्थों का सेवन करना शामिल है। कमज़ोर समूहों में गर्भवती महिलाएँ, छोटे बच्चे, बुज़ुर्ग और कमज़ोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले व्यक्ति शामिल हैं।
रोकथाम: खाद्य विषाक्तता को रोकने के लिए उचित खाद्य हैंडलिंग अभ्यास जैसे हाथ और सतहों को धोना, भोजन को सुरक्षित तापमान पर पकाना, क्रॉस-संदूषण से बचना और जल्दी खराब होने वाले खाद्य पदार्थों को रेफ्रिजरेट करना शामिल है।
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