लगातार प्यास लगना
- शुष्क मुँह वाले व्यक्तियों को अक्सर उनके मुँह में अपर्याप्त नमी के कारण लगातार प्यास का अनुभव होता है, जिससे उन्हें बार-बार तरल पदार्थ पीने के लिए प्रेरित किया जाता है।
सूखापन और चिपचिपाहट
- शुष्क मुँह का एक प्रमुख लक्षण मुँह और गले में सूखापन और चिपचिपाहट की अनुभूति है, जिससे बोलने, निगलने या खाने में असुविधा होती है।
निगलने में कठिनाई
- शुष्क मुँह से भोजन और तरल पदार्थ निगलने में कठिनाई हो सकती है, क्योंकि लार की कमी से गले और अन्नप्रणाली की चिकनाई कम हो सकती है।
गले में खराश
- मुंह और गले में सूखापन जलन और सूजन का कारण बन सकता है, जिससे लगातार गले में खराश और असुविधा होती है, खासकर बोलते या निगलते समय।
बदला हुआ स्वाद
- लार का कम उत्पादन स्वाद धारणा को प्रभावित कर सकता है, जिससे मुंह में धातु जैसा या कड़वा स्वाद आ सकता है और भोजन और पेय पदार्थों के स्वाद की भावना बदल सकती है।
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